राजकुमारी टेलर बेट्टी और राक्षस

टिंगटैम नामक एक राज्य था जो जंगल के बीच बसा हुआ था, उस राज्य के राजा किम टोमा का एक पुत्र था और एकपुत्री थी। पुत्र का नाम वीरपति था और पुत्री का नाम टेलर बेट्टी था। राजकुमारी टेलर बेट्टी अपने परिवार के साथ बहुत बड़े महल में रहती थी,सभी राजकुमारी की प्रशंसा करते थे क्योंकि वह बहुत बुद्धिमान थी।एक रात राजकुमारी टेलर बेट्टी का अपहरण हो गया यह खबर टिंगटैम राज्य में जंगल की आग की तरह फैल गई कि राजकुमारी टेलर बेट्टी का अपहरण कर लिया गयाहै। सिपाहियों ने हर जगह तलाश शुरू कर दी,उन्होंने हर जगह ढूंढा पर फिर भी राजकुमारी का कोई सुराग नहीं मिला।एक राक्षस ने राजकुमारी टेलर बेट्टी का अपहरण कर लिया और उसे काले पहाड़ पर ले गया।राक्षस का चेहरा और काला पहाड़ दोनों ही बहुत डरावने थे, काले पहाड़ की चारों तरफ तरह–तरह की आवाज़े आ रही थी।

जो सुनकर राजकुमारी बहुत डर गई।काले पहाड़ पर कोई भी नहीं जाता था क्योंकि वह जगह बहुत डरावनी थी। गांव वाले काले पहाड़ पर जाने से बहुत डरते थे।कोई भी काले पहाड़ पर नहीं जाता था।राजकुमारी टेलर बेट्टी रो रही थी,और चारों ओर देख रही थी,उस कमरे में कोई खिड़कियाँ नहीं थीं, केवल एक छोटा सा दरवाज़ा था।राजकुमारी को बहुत डर लग रहा था,तभीउस दरवाजे से राक्षस अंदर आया और उसने राजकुमारी टेलर बेट्टी को कहा कि अगर तुम मुझसे शादी करोगी तो में तुमको अपनी रानी बनाऊंगा,और अगर मेरा कहना नहीं माना तो इस जगह तुम हमेशा कैद में रहोगी और अपने राज्य में वापस जाने का तो तुम भूल ही जाओ हा हा हा हा हाहाहाहा।अब जहां से तुम कभी भी लौट नहीं सकती।

3 महीने बीत गये, लेकिन राजकुमारी टेलर बेट्टी का किसी को कुछ भी पता नहीं चला कि वह कहां गई।राजकुमारी टेलर बेट्टी की हिम्मत टूटने लगी।लेकिन फिर उसने सोचा कि जहां से निकलने का कोई रास्ता ढूंढना चाहिए। क्योंकि यह राक्षस मुझे यहां से कभी नहीं जाने देंगा और अगर मैं बाहर ना गई तो किसी को कभी भी पता नहीं चलेगा कि मैं कहां हूं। राजकुमारी टेलर बेट्टी ने हिम्मत जुटाई।राजकुमारी राक्षस के चंगुल से बचने के लिए योजना बनाने लगी। एक रात राक्षस सो गया क्योंकि उस दिन उसने बहुत ही शराब पी हुई थी।राक्षस के सो जाने के बाद राजकुमारी टेलर बेट्टी सावधानी से अपने कक्ष के दरवाज़े के पास पहुँची,
उसने दरवाज़े को धक्का दिया, दरवाज़ा खुल गया, राजकुमारी के दिल की धड़कन तेज हो गई।राजकुमारी टेलर बेट्टी बहुत तेज़ी से बाहर की तरफ़ दौड़ने लगी।वह जानती थी कि समय बहुत कीमती है, उसके दिमाग में बार–बार यही चल रहा था कि अगर राक्षस उठ गया तो उसकी खैर नहीं।वह सोच रही थी अगर पकड़ी गई तो पता नहीं राक्षस क्या सजा देगा। ऐसे विचार जब उसके मन में आने लगे वह और भी तेजी से भागने लगी। उसको भागते–भागते अभी कुछ ही समय हुआ था, आगे एक बहुत ही भयानक जंगल आ गया वह डरी नहीं।राजकुमारी टेलर बेट्टी आगे बढ़ी, जैसे–जैसे राजकुमारी जंगल के अंदर जाती गई जंगली जानवरों की आवाज़ तेज होती गई।अब उसको थोड़ा डर लगने लगा अचानक एक धीमी गड़गड़ाहट से उसका दिल ज़ोर से धड़कने लगा।वह वहीं रुक गई और सुनने की कोशिश करने लगी कि यह किस जानवर की आवाज है।तभी फिर से वह गड़गड़ाहट सुनाई दी।अब वह समझ गई यह बाघ की आवाज है।बाघ की दहाड़ की आवाज धीरे धीरे और भी करीब आ रही थी। उसने महसूस किया कि उसका पूरा शरीर जैसे सुन हो गया हो। लेकिन वह जानती थी कि अब वह पीछे नहीं लौट सकती। वह आगे बढ़ती गई और बाघ की दहाड़ें भी तेज़ होती गईं।फिर भी राजकुमारी टेलर बेट्टी आगे बढ़ती गई। तभी अंधेरे में एक आवाज़ गूंजी, रुक जाओ राजकुमारी, जे राक्षस की डरावनी आवाज़ थी।राजकुमारी ने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा तभी वह और तेजी से भागने लगी।थोड़ी दूर जाने के बाद राजकुमारी एक पेड़ के पीछे छिपकर बैठ गई लेकिन उसका दिल बहुत ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था।राक्षस आगे बड़ा और जोर जोर से चिल्ला रहा था,बाहर आ जाओ राजकुमारी। राजकुमारी बहुत डरी हुई थी। तभी जंगल में पेड़ों के पीछे झाड़ियां हिलने लगी,धीरे से बाघ बाहर आया। उसके पंजे और दांत चमक रहे थे। हर तरफ़ सन्नाटा था। तभी तेज़ी से बाघ राक्षस पर झपटा। राक्षस और बाघ भिड़ गए दोनों में भयंकर युद्ध हुआ। बाघ ने राक्षस के पूरे शरीर पर गहरे घाव कर दिए।
राक्षस ने भी बाघ से ज़ोरदार मुकाबला किया। जब दोनों एक दूसरे से लड़ रहे थे,तभी राजकुमारी टेलर बेट्टी को भागने का मौका मिल गया वह बहुत तेज़ी से भागी। एक ज़ोरदार प्रहार के साथ राक्षस ने बाघ को गिरा दिया। इसी बीच राजकुमारी जंगल में और भी दूर भाग गई। राक्षस को बहुत चोट आई लेकिन फिर भी वह राजकुमारी को पकड़ने के लिए उसके पीछे भाग रहा था। राजकुमारी आगे बढ़ती जा रही थी,उसको मालूम था अगर जीवित रहना है तो बिना रुके भागना होगा।

राक्षस राजकुमारी के पीछे भागा आ रहा था और चिल्ला रहा था कि आज तुमको छोडूंगा नहीं हा हा हा हा हाहाहाहा. राजकुमारी और वी तेज़ी से भागी क्योंकि वह जानती थी कि जंगल के दूसरी तरफ उसका अपना राज्य है और जब तक वह वहां पहुंच नहीं जाती,तब तक वह सुरक्षित नहीं है। जैसे ही राजकुमारी टेलर बेट्टी जंगल से बाहर निकली, उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।वह बहुत खुश थी हालांकि उसका पूरा शरीर जंगल के कांटों और झाड़ियां से काफी जगह घायल हो चुका था। वह और भी तेजी से भागने लगी। उसको मालूम था कि कुछ दूरी पर जाकर उसके राज्य के अंदर जाने वाला रास्ता आ जाएगा। वहां पर बहुत सारे सिपाही होंगे। अकेला राक्षस उन सब का मुकाबला नहीं कर पाएगा।अभी वह जे सब सोच ही रही थी के पीछे से बहुत जोर से आवाज आई। रुक जाओ राजकुमारी। उसके पीछे राक्षस बहुत ही तेजी से भागा आ रहा था। राजकुमारी टेलर बेट्टी भागते हुए आगे बढ़ती रही। राक्षस राजकुमारी के और भी करीब पहुंच गया।जब राजकुमारी ने पीछे देखा तो उसका दिल बहुत जोरों से धड़कना शुरू होगया। उसे पता था कि देर होने से पहले अपने राज्य के सैनिकों तक पहुंचना होगा। राक्षस राजकुमारी के बहुत ही करीब था लेकिन वह जे भी जानता था कि सैनिक भी बहुत ही करीब है।अब उसको समझा आ रहा था कि अब वह राजकुमारी को पकड़ नहीं पाएगा।तभी उसने अपना धनुष खींच लिया। राजकुमारी जेनी ने अपनी पूरी ताकत जुटाई, और अपने सैनिकों की ओर भागी।तभी उसके पीछे से हवा की तेज़ी से एक तीर आया और उसके दाहिने कंधे को चीरते हुए आगे निकल गया राजकुमारी वहीं पर गिर गई। उसको बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था। एक पल के लिए उसने सोचा कि अब राक्षस से बचना नामुमकिन है। तीर लगने से उसको बहुत दर्द हो रहा था। फिर वी उसने हिम्मत नहीं हारी,दर्द से कराहते हुए वह उठी और सैनिकों की तरफ फिर से भागने लगी। अब राक्षस ने दूसरा तीर निकला और राजकुमारी की तरफ छोड़ दिया।राक्षस ने जे ठान लिया था कि अब मैं राजकुमारी को जिंदा नहीं छोडूंगा।हवा की तेजी से पीछे से तीर आया और तभी राजकुमारी एक पेड़ से टकरा कर नीचे गिर गई। अगर वह नीचे ना गिरती तो जे तीर उसके शरीर के आर पार हो जाता। वह फिर उठी और भागने लगी। राक्षस राजकुमारी के ओर भी करीब आ चुका था और राजकुमारी टेलर बेट्टी को सैनिक भी अब साफ–साफ सामने दिखाई दे रहे थे। अब राजकुमारी समझ चुकी थी कि अगर राक्षस ने अगला तीर चलाया तो वह बच नहीं पाएगी। तभी उसने जोर–जोर से चिल्लाना शुरु किया, राक्षस मेरे पीछे है, राक्षस मेरे पीछे है, मेरी मदद करो तभी एक सैनिक ने उसकी आवाज सुन ली। सैनिक ने देखा, राक्षस राजकुमारी के पीछे भागा हुआ आ रहा था।

उसी समय उसने सभी सैनिकों को आवाज़ लगाई और सभी सैनिकों ने जल्दी से अपने धनुष बाण उठा लिए और राक्षस की तरफ कई तीर एक साथ छोड़ दिए। जैसे बरसात हो रही हो, राक्षस की तरफ तीर बढ़े जा रहे थे।अब राक्षस ने अपना अगला तीर राजकुमारी जेनी की तरफ खींचा। कुछ सैनिक जल्दी से राजकुमारी की ओर आये और सैनिकों ने उसके चारों ओर एक घेरा बना लिया, ताकि यदि राक्षस राजकुमारी टेलर बेट्टी की तरफ़ तीर चलाएं तो राजकुमारी को कोई नुकसान न पहुंचे। राक्षस की तरफ तीर बढ़ें जा रहे थे। राक्षस बहुत क्रोध में था।उसने एक साथ कई तीर राजकुमारी जेनी की तरफ छोड़ दिए। सैनिकों द्वारा छोड़े गए तीर राक्षस के शरीर के आरपार हो गए।मानो जैसे बरसात हो रही हो। हजारों ही तीर राक्षस के शरीर के आर पार हो गए। तीर लगते ही राक्षस जमीन पर गिर पड़ा और उसी क्षण उसकी सांस रुक गई। राक्षस द्वारा छोड़े गए तीर कई सैनिकों को लगे और काफी सैनिक जख्मी हो गए। राजा को वी खबर मिल चुकी थी के राजकुमारी मिल गई है। राजा वहां पहुंच गया, राजकुमारी को सही सलामत देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ।राजकुमारी के पूरे शरीर पर जंगल के कांटों की वजह से बहुत ही घाव हो चुके थे। राजकुमारी के शरीर से कुछ घावों से खून भी बह रहा था। राजा ने सैनिकों को हुक्म दिया जल्दी से राजकुमारी को ले जाने के लिए प्रबंध करो।और वैद्य राज को खबर कर दो,जल्दी से जल्दी राजमहल में पहुंचे और घायल सैनिकों को भी उपचार के लिए भेजने को हुक्म दिया। राक्षस मारा गया और राजकुमारी भी सही सलामत राजमहल में आ गई।अब राजकुमारी बहुत खुश थी। राजकुमारी के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद, एक बड़ा उत्सव मनाया गया और सभ को आमंत्रित किया गया क्योंकि राजकुमारी सुरक्षित लौट आई थी। राज्य के लोग बहुत खुश हुए। उसके बाद राजा ने महल की सुरक्षा ओर वी कड़ी कर दी ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।
