ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी | Honesty of Ali Irani in Tehran city of Iran 008

ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी |

Honesty of Ali Irani in Tehran city of Iran

आजकल ईमानदारी बहुत कम हो गई है, अधिकतर लोग बेईमान और धोखेबाज हैं, लेकिन कुछ लोग आज भी ईमानदारी और सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं

ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी | Honesty of Ali Irani in Tehran city of Iran
ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी | Honesty of Ali Irani in Tehran city of Iran.

ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी |

ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी नामक एक व्यक्ति रहता था। अली ईरानी की हमारे स्कूल के ठीक बगल में दुकान थी, जहाँ वह बहुत ही स्वादिष्ट चेलो कबाब ( Chelo Kabab ) बेचता था। लोग दूर दूर से चेलो कबाब ( Chelo Kabab ) खाने आते थेवे सुबह जल्दी ही अपनी दुकान खोल देता था।हर समय ग्राहक उन्हें घेरे रहते। ईरान के तेहरान शहर में हमारा स्कूल केन्द्रीय विद्यालय तेहरान ( KENDRIYA VIDYALAYA TEHRAN ) था। जहां पास ही में अली ईरानी की दुकान थी। स्कूल के पास ही एक हॉस्पिटल भी था। एक बार की बात है, एक आदमी जिसका नाम कामरान था,जो ईरान के तेहरान शहर अपनी मां का ऑपरेशन करवाने के लिए आया हुआ था और शायद उसने उस दिन अली ईरानी से कबाब खाया थाउसका एक थैला अली ईरानी की दुकान पर रह गया था। जिसमें करीब 03 लाख ( Irani Rial) थे। कामरान ने बस स्टैंड के पास वाली नेशनल बैंक ऑफ ईरान ( Bank Melli Iran ) बैंक से रियाल निकलवाए थेदरअसल कामरान की मां बीमार थीं और अस्पताल में उसका बड़ा ऑपरेशन होने वाला था, जिसके लिए पैसों की जरूरत थी।डॉक्टर ने ऑपरेशन करने का टाइम 02:00 PM दिया हुआ था। कामरान ने नेशनल बैंक ऑफ ईरान (Bank Melli Iran ) से रियाल निकलवा लिए और हॉस्पिटल की ओर चल दिया, लेकिन उसने सुबह का कुछ भी नहीं खाया था। तभी उसने अली ईरानी की दुकान की ओर देखा और सोचा क्यों ना कुछ खा लिया जाएवह अली ईरानी की दुकान पर गया।

ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी | Honesty of Ali Irani in Tehran city of Iran
ईरान के तेहरान शहर में अली ईरानी की ईमानदारी | Honesty of Ali Irani in Tehran city of Iran.

कामरान ने जल्दीजल्दी नाश्ता किया और खाना खा कर वह हॉस्पिटल की तरफ़ चल दिया लेकिन पैसों से भरा बैग वह अली  ईरानी की दुकान पर ही भूल गया। कुछ ही समय के बाद वह दौड़ता हुआ आया। वह अली ईरानी की दुकान पर पहुंचा और अपना ईरानी रियाल (Irani Rial ) वाला थैला ढूंढने लगा, लेकिन उस वक्त अली ईरानी किसी काम से अपने घर गया हुआ था।अली ईरानी की दुकान पर एक लड़का बैठा था, जो अली ईरानी का अपना भतीजा फतेमेह था। उसने अली ईरानी के भतीजे फतेमेह को पूरी बात बताई। फतेमेह ने कामरान से कहा कि वह बिल्कुल भी घबराए। हमारे अली ईरानी चाचा बहुत ईमानदार व्यक्ति हैं। फतेमेह ने कामरान को कहा मैं तुम्हें कागज पर अली ईरानी चाचा के घर का पता लिख कर देता हूँ। आप वहा जाकर उनसे मिल सकते हो। अली ईरानी चाचा का घर यहीं पास में ही है।टैक्सी में वहाँ जाने पर अधिकतम पांच मिनट ही लगते हैं, कामरान के चेहरे पर अभी भी घबराहट थी वह सोच रहा था अगर रियाल वाला थैला ना मिला तो मां का ऑपरेशन कैसे होगा। कामरान टैक्सी लेकर अली ईरानी के घर पहुंचा। तभी कामरान ने अली ईरानी के घर का दरवाज़ा खटखटाया। अली ईरानी उस समय किसी से फ़ोन पर बात कर रहा था। अली ने जब दरवाज़ा खोला तो कामरान ने उसको पूरी बात बतायी। अली भाई मेरा एक थैला जिसमें करीब 03 लाख ( Irani Rial ) थे. वह शायद आपकी दुकान पर मैं भूल गया। मेरी माँ बहुत बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। उनके ऑपरेशन के लिए ही मैं नेशनल बैंक ऑफ ईरान से रियाल लेकर आया थानेशनल बैंक ऑफ ईरान से रियाल निकालने के बाद मैं आपकी दुकान पर नाश्ता करने के लिए रुक गया, जल्दी-जल्दी में मैं अपना थैला गलती से आपकी दुकान पर ही भूल गया क्या वह थैला आपको मिला ? अली ईरानी मुस्कुराया और हाँ में सिर हिलाया। फिर उसने कामरान से कहा, हां जल्दबाजी में आप थैला वहीं छोड़ गए थे। उस समय मेरी दुकान में बहुत भीड़ थी। अचानक मेरी नजर उस थैले पर पड़ी मैंने देखा कुर्सी पर एक काला थैला पड़ा हुआ था। मैंने उसे खोला और देखा उसमें बहुत सारे रियाल थेदुकान पर इतना पैसा रखना मुझे सुरक्षित नहीं लगा। इसलिए मैं पैसों से भरा थैला लेकर सीधे घर चला आया।मुझे पता था जिस का वी थैला होगा वह आयेगा जरुर, इसलिए मैंने फतेमेह को बोला था जो वी दुकान पर आये और रियाल वाले थैले के बारे में पूछे उसे घर भेज देना। तभी अली ईरानी ने अपनी पत्नी शिरीन से कहा, मेहमान आये हैं कुछ चाय या शरबत ले आओ, थोड़ी ही देर के बाद शिरीन चाय लेकर आईं। कामरान चाय पी ही रहा था, तभी अली ने अलमारी से थैला निकाल कर कामरान को दे दिया। कामरान को थैला देते हुए अली ईरानी ने कामरान से कहा रियाल गिनकर देखो पूरे है या नहीं। कामरान ने थैला खोलकर देखा, थैला नोटों से भरा हुया था, कामरान ने अली ईरानी से कहा नहीं गिनने की ज़रूरत नहीं है, जे बात बोलकर आप मेरे को शर्मिंदा कर रहे हैं। उसी समय कामरान ने थैले में से 5000 ( Irani Rials ) निकाल कर अली ईरानी को दिये, लेकिन अली ईरानी ने कामरान से पैसे लेने से इनकार कर दिया।उस ने कामरान से कहा, मुझे आपके इन पैसों की जरूरत नहीं है। इन पैसों की तुमको जियादा ज़रूरत है, जल्दी से जाओ और अपनी मां का ऑपरेशन करवाओ। कामरान बहुत हैरान था वह सोच रहा था, आज कल अली ईरानी जैसे ईमानदार लोग भी हैं इस दुनिया मे ? अली ईरानी के इनकार करने के बावजूद कामरान ने 5000 ( Irani Rials ) अली ईरानी को दे दिए और अली ईरानी को कहा कि की ईमानदारी के लिए इतना तो बनता है, अगर मैं तुम्हें सारे ईरानी रियाल,जितने भी मेरे पास है, दे दूं तो भी तुम्हारी ईमानदारी के सामने यह कुछ भी नहीं है। उसने अली ईरानी को दिल से धन्यवाद दिया क्योंकि अली ने उसके रियाल लौटा दिये थे। कामरान बहुत खुश अब उसकी मां का ऑपरेशन हो जाएगा.

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